प्रथम चरण में सरकारी अधिकारी/कर्मचारी, विधायक, सांसद, मंत्री और मुख्यमंत्री आवासों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे - ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज
चंडीगढ़, 18 सितंबर
- बिजली उपभोक्ताओं को प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे - विज
- बिजली बिल बकाया वसूली के संबंध में जल्द ही अधिकारियों की होगी बैठक- विज
- गांवों में सोलर पावर हाउस स्थापित करने की योजना पर कार्य जारी, पायलट आधार होगी शुरू- विज
- हरियाणा के ऊर्जा मंत्री विज ने आज कहा कि प्रथम चरण में सरकारी अधिकारी/कर्मचारी, विधायक, सांसद, मंत्री और मुख्यमंत्री आवासों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे और इसके पश्चात आम उपभोक्ताओं तक इस योजना को विस्तारित किया जाएगा। विज ने कहा कि जल्द ही स्मार्ट मीटर लगाने के लिए टेंडर होंगें। इसके अलावा, सोसायटीज में भी प्रत्येक व्यक्ति को स्मार्ट मीटर देने के संबंध में विचार चल रहा है।
आज चण्डीढ में मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान विज ने कहा कि उपभोक्ताओं को प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे। “जिस तरह हर व्यक्ति प्रीपेड या पोस्टपेड मोबाइल का उपयोग करता है, उसी तरह बिजली मीटर में भी उपभोक्ता अपनी सुविधा के अनुसार विकल्प चुन सकेंगे”।
बिजली बिल बकाया वसूली के संबंध में जल्द ही अधिकारियों की होगी बैठक- विज
उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली डिफॉल्टर उपभोक्ताओं पर लगभग 7500 करोड़ की बकाया राशि है। इस संबंध में अधीक्षण अभियंताओं एवं वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि बकाया राशि की शीघ्र वसूली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि “मैंने उस समय ही कहा था कि तीन माह के भीतर वसूली की प्रगति पर समीक्षा बैठक की जाएगी और बहुत जल्द इस विषय पर विस्तृत बैठक आयोजित कर अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी।”
विज ने बताया कि बिजली बकाया से जुड़े कई मामले न्यायालयों में भी लंबित हैं और इन पर तेजी से कार्रवाई के लिए विभाग को निर्देश दिए जा चुके हैं। सरकारी भवनों और संस्थानों में बकाया राशि के सवाल पर उन्होंने कहा कि “सरकारी व अन्य सभी भवनों में बिजली की बकाया राशि की वसूली सख्ती से की जाएगी और भुगतान में आना-कानी होने पर कानून अनुसार कार्रवाई होगी।”
गांवों में सोलर पावर हाउस स्थापित करने की योजना पर कार्य जारी- विज
विज ने जानकारी देते हुए कहा कि गांवों में सोलर पावर हाउस स्थापित करने के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है और इसे पायलट आधार पर शुरू किया जाएगा। हाल ही में उत्तर भारत के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में उन्होंने यह सुझाव रखा था, जिसे सभी मंत्रियों और अधिकारियों ने सराहा था। उन्होंने कहा कि “यदि प्रत्येक गांव के लोड की गणना कर उतनी क्षमता का सोलर पावर हाउस स्थापित कर दिया जाए तो गांव आत्मनिर्भर बनेंगे और प्रदेश बिजली के क्षेत्र में सरप्लस हो सकेगा। इससे बिजली सस्ती भी उपलब्ध होगी क्योंकि सौर ऊर्जा की लागत कम है।”
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अंबाला की एक पंचायत ने पहले ही अपनी भूमि पर सोलर पावर हाउस लगाने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार जल्द ही इस संबंध में ठोस योजना लाएगी।
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