वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी बुधवार को पटना में हुई तेजस्वी यादव की मीटिंग में शामिल नहीं हुए। इसके बाद उनको लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं। उनकी डिमांड को लेकर क्या तेजस्वी यादव नाराज हैं? ऐसे में आइये जानते हैं उनकी मीटिंग से किनारा करने के क्या कारण रहे होंगे?
बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। कल यानी 30 जुलाई को तेजस्वी यादव के घर महागठबंधन की एक बैठक बुलाई गई। बैठक में वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने हिस्सा नहीं लिया उन्होंने बैठक के लिए प्रदेश अध्यक्ष को भेजा। इसके बाद से ही ये कयास लग रहे हैं कि क्या मुकेश सहनी नाराज हो गए हैं? जब से उन्होंने 60 सीटों की डिमांड रखी है इंडिया गठबंधन में हलचल तेज हो गई है। ऐसे में अब जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं उनका तेवर और अंदाज लगातार बदल रहा है।
इंडिया गठबंधन में तेजस्वी यादव के लिए हर पार्टी को साध कर रखना मुश्किल और चुनौती भरा हो रहा है।
तेजस्वी यादव के लिए मुकेश सहनी की 60 सीटों की डिमांड अचरज और हैरानी भरी है। हालांकि मीटिंग में शामिल होने पहुंचे वीआईपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ये मांग हमारी ओर से की गई है। अब देखते हैं कि मीटिंग में क्या तय होता है। वहीं मुकेश सहनी के नहीं आने पर उन्होंने कहा कि वे पारिवारिक कार्य से बाहर गए हैं।
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पहले भी एनडीए सरकार में रहे मंत्री
अब सवाल है कि सहनी दो दिन पहले तेजस्वी यादव के साथ एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां पर सहनी ने तेजस्वी की मौजूदगी में विधानसभा चुनाव को लेकर अपना एजेंडा बताया था। उन्होंने कहा कि हम 60 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में कल जब गठबंधन की बैठक हुई तो सहनी दिल्ली में थे। ऐसे में क्या सहनी को ये पता चल गया है कि उन्हें 60 सीटें नहीं मिलने वाली है। ऐसे में क्या वे अकेले चुनाव लड़ेंगे या एनडीए के पाले में चले जाएंगे। इससे पहले भी वे बिहार सरकार में 2 साल तक मंत्री रहे लेकिन अपने अड़ियल रवैये और मनमर्जी के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बीजेपी ने सेंधमारी करते हुए चारों विधायक अपनी पार्टी में शामिल करा लिए।
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