गन्नौर अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी के संचालन की प्रक्रिया को मिलेगी गति- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

गन्नौर अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी के संचालन की प्रक्रिया को मिलेगी गति- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए स्पष्ट निर्देश, मंडी के संचालन में न हो कोई देरी,

 

544 एकड़ भूमि पर विकसित की जा रही है आधुनिक मंडी

 

2595 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार होगी मंडी

 

चंडीगढ़, 26 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि सोनीपत के गन्नौर में विकसित की जा रही अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी राज्य की एक अति-महत्वपूर्ण एवं प्रतिष्ठित परियोजना है, जिसका संचालन शीघ्रातिशीघ्र सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडी के संचालन में कोई भी प्रशासनिक या तकनीकी बाधा न आने दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस परियोजना की प्रगति रिपोर्ट समय-समय पर लेते रहे हैं और हमारा प्रयास रहेगा कि इस अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी का उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री के कर कमलों से कराया जाए।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडी संचालन की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से अमलीजामा पहनाने के लिए एक विशेष नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए, जो राज्य सरकार, केंद्र सरकार एवं संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से जुड़े परामर्शदाता (कंसल्टेंट) को निर्देश दिए जाएं कि मंडी के स्वरूप, संभावनाओं और सुविधाओं की जानकारी न केवल हरियाणा बल्कि अन्य राज्यों एवं देशों तक भी पहुंचाई जाए।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की आजादपुर मंडी के व्यापारियों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के सेब उत्पादक किसानों को भी इस मंडी से बड़ा लाभ मिलेगा, क्योंकि यहां से मजबूत सड़क नेटवर्क जुड़ा हुआ है, जिससे फल सब्जियों का सुगम परिवहन संभव होगा।

बैठक में जानकारी दी गई कि यह अत्याधुनिक मंडी 544 एकड़ भूमि में विकसित की जा रही है, जिसमें से 350 एकड़ क्षेत्र में कुल 17 आधुनिक शेड बनाए जाएंगे। इसके साथ ही वर्टिकल मार्केटिंग की भी व्यवस्था होगी। मंडी में 5,500 ट्रकों एवं लगभग 15,000 कारों के लिए पार्किंग सुविधा प्रस्तावित है।

बैठक में यह भी बताया गया कि 2,595 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना की टेंडर प्रक्रिया को तकनीकी समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने ‘व्यापार संचालन योजना’ के तहत टेंडर को भी स्वीकृति दी, जिसके अंतर्गत केवल उन्हीं इच्छुक निवेशकों को पात्र माना जाएगा, जिनके पास बागवानी क्षेत्र में न्यूनतम 100 एकड़ में कार्य का अनुभव हो तथा जिनका वार्षिक कारोबार कम से कम 100 करोड़ रुपये का हो।

मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इस परियोजना को अधिक उपयोगी व वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए केंद्र सरकार के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) से भी मार्गदर्शन एवं सलाह ली जाए।

बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान  सचिव श्री पंकज अग्रवाल, हरियाणा इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री मुकुल कुमार, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक श्री मुकेश कुमार आहुजा, कृषि महानिदेशक श्री राजनारायण कौशिक  सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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